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दवा कारोबारी ने 30 करोड़ की संपत्ति दान की फिर पूरे परिवार ने ले लिया संन्यास

छत्तीसगढ़ में दवा का कारोबार करने वाला डाकलिया परिवार ने 30 करोड़ की संपत्ति दान कर जैन धर्म के संस्कारों के तहत दीक्षा ली। बता दें कि यह परिवार अब अपनी आराम की जिंदगी से अलग होकर संयम के कठिन रास्ते पर निकल पड़ा है। गुरुवार को जैन बगीचे में परिवार के मुखिया मुमुक्षु भूपेंद्र डाकलिया समेत पांच लोगों को भगवती दीक्षा दिलाई गई।

जहां बालों में तेल लगाकर स्वागत की है परंपरा

नई दिल्ली:सुना है आपने कहीं ऐसा?.. यह कोई अजीबो-गरीब बात नहीं, बल्कि सांस्कृतिक सम्मान की बात है। मिथिला, जहां भगवान राम की पत्नी सीता अवतरित हुईं, पली-बढ़ी थीं, वहां आज भी अतिथियों के स्वागत-सत्कार का खास ध्यान दिया जाता है। 

फालुन दाफा - मन और शरीर की साधना का अभ्यास

फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है) मन और शरीर की एक उच्च स्तरीय साधना पद्धति है.प्राचीन समय से यह पद्धति एक गुरु से एक शिष्य को हस्तांतरित की जाती रही है.वर्तमान समय में फालुन दाफाको पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया. आज, 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसकाअभ्यास कर रहे हैं.

निजी अस्पतालों में खाली रह जाते हैं गरीबों के लिए आरक्षित बिस्तर

नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में राशन की दुकान में काम करने वाले रामबाबू (27) को जब बताया गया कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है तो उनको लगा जैसे उनके ऊपर विपत्ति का आसमान टूट पड़ा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज करवाने के लिए वह घर से एक हजार किलोमीटर दूर दिल्ली आए। लेकिन यहां आकर उनकी तकलीफ और बढ़ गई, क्योंकि एम्स में इलाज के लिए उनका नंबर छह महीने बाद ही आने वाला था। 

वन क्षेत्र पदाधिकारी की पैरवी पर एनजीटी से डिबार किये गए सौमित्र सेन

सौमित्र सेन अब झारखंड सरकार की ओर से नहीं कर पायेंगे पैरवी, सवाल उठेगा- सरकारी खजाने से अब तक उनको दी गई फीस की भरपाई कौन करेगा? || सौमित्र सेन कोलकाता हाई कोर्ट में स्थायी जज रहे हैं, महाभियोग के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था, बाद में वह कोलकाता में ही वकालत कर रहे हैं..

सीतामढ़ी की अनुपम बन गई 'मशरूम गर्ल'

by admin on Sun, 07/29/2018 - 19:57

सीतामढ़ी (बिहार): आमतौर पर धारणा है कि किसानी का काम पुरुषों के जिम्मे है, लेकिन अगर आप जगत जननी सीता मां की जन्मस्थली सीतामढ़ी से गुजर रहे हों और कोई लड़की महिलाओं को इकट्ठा कर किसानी का गुर बताती नजर आए तो चौंकिएगा नहीं। सीतामढ़ी जिले के चोरौत प्रखंड के र्बी बेहटा गांव की रहने वाली अनुपम कुमारी ऐसी लड़की है, जो आज कृषि क्षेत्र में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रही है। 

कोटा: गौशाला में 3 दिन में मरी 27 गायें

by admin on Wed, 07/25/2018 - 20:55

एक तरफ भाजपा गायों की रक्षा के नाम पर पूरे देश में उन्माद पैदा कर रही हैं, वहीं उसके शासन वाले राजस्थान में गौशालाओं में गायों की बुरी हालत है।

कोटा में धर्मपुरा गौशाला में बारिश के कारण ही 3 दिन में 27 गायों की मौत हो चुकी है और दो दर्जन से ज्यादा गायें मरने की हालत में पड़ी हुई हैं।

गौशाला में गायों को इस तरह से ठूंस-ठूंसकर भरा गया है कि वे हिल-डुल तक नहीं पा रहे हैं। उन्हीं के बीच पड़ी मरी हुई गायों की लाशें सड़ रही हैं, और बदबू मार रही हैं। जीवित बची गायों में संक्रमण का खतरा भी फैल रहा है।

केरल में 40000 से ज्यादा कक्षाएं हाईटेक हुईं

by admin on Sun, 07/15/2018 - 21:50

तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार की पहल केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (काइट) के हिस्से के तौर पर 40,000 से ज्यादा कक्षाओं को हाईटेक बना दिया गया है और 4,500 से ज्यादा को इस महीने के अंत तक हाईटेक बना दिया जाएगा। काइट के उपाध्यक्ष व कार्यकारी निदेशक के.अनवर सदाथ ने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने सरकारी स्कूलों की 40,083 से अधिक कक्षाओं को हाईटेक बना दिया है। इस महीने के बाद कक्षा आठ से 12 के सभी छात्र इस सुविधा का उपयोग करने में समर्थ होंगे।

थाईलैंड : गुफा में फंसे 12 फुटबाल खिलाड़ी और कोच जिंदा मिले

by admin on Tue, 07/03/2018 - 11:01

माई साई (थाईलैंड): उत्तरी थाईंलैंड के माई साई जिले में एक गुफे में फंसे फुटबाल टीम के 12 खिलाड़ियों और कोच को नौ दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार को जिंदा ढूंढ लिया गया। टीम के 12 खिलाड़ी और कोच बाढ़ के पानी के कारण इस गुफा में फंस गए थे। 

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने चियांग राय प्रांत के राज्यपाल नारोंगसाक ओसोट्टानाकोर्न के हवाले से बाताया कि खिलाड़ी और काचे जिंदा हैं लेकिन उन्हें उनकी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है। 

भारतीय मानसिक रूप से कमजोर होते हैं : आइंस्टीन

by admin on Sun, 06/17/2018 - 07:39

यह पहलीबार नहीं है कि जब किसी महान व्यक्ति ने भारत को कमजोर कहा हो। कुछ ऐसा ही खुलासा महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में भी हुआ है। आइंस्टीन की डायरी के कुछ पन्ने सार्वजनिक हुए हैं जिसमें लिखा है कि भारतीय शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होते हैं।  आइंस्टीन ने अपनी डायरी में लिखा है कि भारत की जलवायु ही कुछ ऐसी है कि यहां के लोग शारीरिक और मानसिक रूप से कमतर दिखते हैं। यही नहीं भारतीयों का आकलन करते हुए उन्होंने लिखा है  कि भारतीय दूर की सोच नहीं रखते हैं, मतलब 15 मिनट से ज्यादा आगे-पीछे का सोच ही नहीं पाते। अनुवांशिक कारण भी इसके पीछे जिम्मेदार होते हैं।' मजेदार बात यह है कि जब आइं