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Rural News of Jharkhand

झारखंड के दुर्गम इलाकों के 246 गांवों तक पहुंचा सोलर प्‍लान्‍ट का जगमग

रांची: झारखंड के सुदूर व दुर्गम इलाकों के 246 गांवों में सोलर पावर प्‍लान्‍ट और सोलर स्‍टैन्‍ड के जरिये बिजली पहुंचायी गई है। ये वैसे गांव हैं जहां ग्रिड के माध्‍यम से विद्युतिकरण संभर नही हो पाया था। कुल मिलाकर 7740 घरों में अब बिजली पहुंच रही है।

बेरमो में प्रज्ञा केंद्र द्वारा मनमानी वसूली, आवासीय प्रमाण पत्र के लिए मांगा 700 रूपये

by admin on Fri, 01/21/2022 - 11:36

झारखंड में अपना सरकारी दस्‍तावेज निकालने के लिए नागरिकों को निजी संचालकों के प्रज्ञा केंद्रों तक जाना मजबूरी है। ऐसे में प्रज्ञा केंद्रों की मनमानी बढ़ती जा रही है। हालिया मामला बेरमो का है। यहां एक प्रज्ञा केंद्र ने जैसे लूट मचा रखी है। नागरिकों को अपने जरूरी सरकारी निबटारे के लिए आवासीय प्रमाण पत्र लेना पड़ता है। इसके लिए एक ही उपाय है प्रज्ञा केंद्रों पर जाइये और वहां के संचालकों की मनमर्जी पर पैसे चुकाइये। बेरमो के एक प्रज्ञा केंद्र पर आवासीय प्रमाण पत्र के लिए सात सौ रूपये वसूला जा रहा था। जबकि सरकारी दर मात्र 30 रूपये निर्धारित है। लोगों ने स्‍थानीय सीओ से शिकायत की। जांच के लिए स्‍वय

रांची के चान्‍हो में एकलव्‍य विद्यालय का विरोध : पुलिस झड़प में एक दर्जन घायल

रांची: रांची के चान्हो में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के निर्माण का विरोध कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच मंगलवार को हुए टकराव में दोनों पक्षों से लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गये। ग्रामीणों ने पुलिस की एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त कर दी है। घटना के बाद चान्हो के सिलागांई गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस विद्यालय का शिलान्यास केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बीते 24 अगस्त को किया था, तब भी उन्हें ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा था।

पेसा कानून 1996 का विरोध करना आदिवासियों के संविधान प्रदत्त अधिकार का विरोध करना है- सालखन मुर्मू 

पेसा कानून- 1996 अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों को प्रदत्त  अहम अधिकार और शक्ति है। मगर कुछ आदिवासी संगठन इसका विरोध कर "नाच ना जाने आंगन टेढ़ा" वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। यह कानून वर्तमान में 10 प्रदेशों में लागू है। मगर सही नियमावली की अनुपस्थिति में यह जरूर कमजोर है। इसके लिए राज्य सरकारें दोषी हैं। झारखंड में दो बार पंचायत चुनाव हो चुके हैं। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को अधिकारों के लिए आंदोलन करना चाहिए था, माननीय हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था। इन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। अब झारखंड में फिर चुनाव की प्रक्रिया अंतिम स्टेज में है। तब बुद्धिमानी यह है कि चुनाव लड़कर जी

केंद्रीय ऊर्जा योजना की होगी मॉनिटरिंग, जिला स्तर पर बनेगी कमेटी

ग्रामीण क्षेत्रों में हर एक घर में बिजली का कनेक्शन पहुंचे और केंद्र तथा राज्य सरकार की विद्युतीकरण से जुड़ी योजनाओं से अंतिम व्यक्ति लाभान्वित हो इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि विगत 5 वर्षों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, समेकित ऊर्जा विकास योजना, प्रधानमंत्री हर घर बिजली सौभाग्य योजना और ग्रामीण विद्युतीकरण योजना से जुड़ी चुनौतियों से निपटने और आधुनिकरण हेतु तीन लाख करोड रुपए की  नई योजना Revamped Distribution Sector Scheme   को अधिसूचित किया गया। इन योजनाओं में अधिक से अधिक सब स्टेशन की स्थापना और वर्तमान सब

 मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने साहिबगंज में लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने साहिबगंज जिले के पतना प्रखंड स्थित कुंवरपुर फुटबॉल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के 83  लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया । इस मौके पर उन्होंने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक- सह- कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए चयनित 3 अभ्यर्थी और नव चयनित 6 आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को नियुक्ति पत्र प्रदान किया । उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण के लिए 5 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र  सौंपा ।

सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई फसल उत्पादन में बन रहा बदलाव का वाहक

रांचीः किसानों की आर्थिक समृद्धि एवं बहुफसलीय खेती में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाएं बदलाव का वाहक बन रहीं हैं। राज्य सरकार पूरे साल सिंचाई सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने की और अग्रसर है। इसके तहत विभिन्न जिलों में सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की जा रही हैं। खासकर सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उन क्षेत्रों में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है,  जहां किसानों को सिंचाई के लिए साल भर पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है। इससे किसानों को नुकसान होता है और मजबूरन मानसून पर ही निर्भर रह एकफसलीय खेती करनी पड़ती हैं। 

सरना धर्म कोड के लिए सिंहभूम में सेंगेल की सभा

आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा पटमदा प्रखंड ( पूर्वी सिंहभूम ज़िला) के  खेड़वा पंचायत के  खड़ियाडीह ग्राम पंचायत भवन के समक्ष एक सरना धर्म कोड जनसभा का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और सुमित्रा मुर्मू शामिल हुए। सभा की अध्यक्षता उदय मुर्मू, सेंगेल जिला संजोजक ने किया। सभा में लगभग 15 गांव के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सभा में बोड़ाम प्रखंड के सेंगेल कार्यकर्ता भी सुरेन चंद्र हंसदा और सुनील मुर्मू के नेतृत्व में शामिल हुए। 

नदी जोड़ अभियान बनेगा झगड़े का कारण : राजेंद्र

by admin on Sat, 12/02/2017 - 17:37

खजुराहो (मध्य प्रदेश): स्टॉक होम वॉटर प्राइज से सम्मानित जलपुरुष के नाम से चर्चित राजेंद्र सिंह का मानना है कि नदियों के जोड़ने से जल समस्या का समाधान संभव नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए खतरनाक है, क्योंकि इससे झगड़े बढ़ेंगे। मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी में शनिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन में हिस्सा लेने आए सिंह ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, "नदियों को जोड़ने से सूखा और बाढ़ की समस्या का निदान हो जाएगा, यह सोचना गलत है, क्योंकि पूर्व के अनुभव अच्छे नहीं हैं। सतलुज, यमुना और व्यास नदियों का जोड़ इसकी गवाही देता है। हरियाणा और राजस्थान को पंजाब पानी को अपन