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आदिवासी सेंगेल अभियान आदिवासी स्‍वशासन व्‍यवस्‍था में सुधार अनिवार्य है

आदिवासी स्वशासन (माझी परगाना) व्यवस्था में सुधार अविलंब अनिवार्य है। अन्यथा आदिवासी समाज में संविधान- कानून और जनतांत्रिक मर्यादा का उल्लंघन जारी रहेगा। कुछ नासमझ व्यक्ति और संगठन प्रथा- परंपरा आदि के नाम पर आदिवासी समाज में नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, ईर्ष्या द्वेष, वोट की खरीद- बिक्री, आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता, डंडोम  (जुर्माना), बारोन (सामाजिक बहिष्कार), डॉन पनते ( डायन खोज ), वंशानुगत माझी- परगाना व्यवस्था आदि को जोर जबरदस्ती चालू रखते हैं। जो संविधान कानून और मानव अधिकारों के खिलाफ है। अभियान के अध्‍यक्ष सालखन मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी करके यह बयान दिया है।

संताली राजभाषा रैली - 30 अप्रैल को रांची में और सरना धर्म कोड रैली - 30 जून को दिल्‍ली 

by admin on Sat, 04/09/2022 - 09:47

आदिवासी सेंगेल अभियान के मंच से झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम राज्यों में 2 मार्च से 3 अप्रैल 2022 तक 5 प्रदेशों में 25 सेंगेल जनसभाओं द्वारा उपरोक्त कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार किया गया है। सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू और केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने सभी सेंगेल जनसभाओं को 5 प्रदेशों में संबोधित किया है। अभी 5 अप्रैल को असम से दौरे के बाद जमशेदपुर वापस लौटे हैं। फिर 10 अप्रैल को भुवनेश्वर, 12 अप्रैल को गोड्डा जिला (महागामा- महादेवबथन ), 13 अप्रैल दुमका जिला ( रामगढ़ ), 14 अप्रैल गिरिडीह जिला (पीरटांड़- मोनाटंड), 15 अप्रैल पुरुलिया जिला (बलरामपुर), 16 अप्रैल मयूरभंज जि

एचईसी को बहुत याद आयेंगे पिल्लई साब..!

by admin on Thu, 03/31/2022 - 20:29

एचईसी यानी हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सपनों का मंदिर। इस भीमकाय कारखाने ने अपनी स्थापना के बाद से ही भारत ही नहीं दुनिया के स्टील उत्पाद जगत में धूम मचायी थी। लेकिन तीन दशक पहले इसके दिन बिगड़ने लगे थे। एक के बाद एक कई दिग्गज प्रशासकों को इसे संभालने के लिए लाया गया। इन्हीं में से एक थे जी के पिल्लई। पूरा नाम था। गोपी कुमार पिल्लई। पिल्लई जी ने जब एचईसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक यानी सीएमडी का पद संभाला तो लोगों में जबरदस्त आशा का संचार हुआ। पिल्लई के काम काज से एचईसी के सुधार को लेकर खूब चर्चा हुई। काफी कुछ बदला भी। एचईसी परिसर के लोग और कर्म

देश में वंशानुगत जंजीरों में जकड़े संताली समाज को मुक्‍त कराइये राष्‍ट्रपति महोदय : सेंगेल अभियान

by admin on Wed, 03/16/2022 - 10:29

आदिवासी सेंगेल अभियान का मानना है कि भारत के आदिवासी संताल समाज में व्याप्त वंशानुगत माझी-परगाना स्वशासन व्यवस्था जाने- अनजाने झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम आदि प्रदेशों में संताल समाज को गुलामी की जंजीरों में कैद कर रखा है। यह रूढ़िवादी राजतांत्रिक व्यवस्था भारतीय संविधान, कानून, मानवाधिकारों और जनतांत्रिक प्रक्रियाओं और मूल्यों के खिलाफ खड़ा है। यह व्यवस्था अधिकांश संताल गांव- समाज को पंगु और गुलाम बनाकर रखा है। जिसे निरंकुश और तुगलकी राजा की तरह माझी- परगाना चला रहे हैं। आदिवासी संताल समाज में विद्यमान इस आत्मघाती व्यवस्था की तुलना सती प्रथा के साथ की जा सकती है। अतएव भारत सरकार, संबंध

संताली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा की मांग को लेकर सेंगेल अभियान का आंदोलन

शनिवार 5 मार्च 2022 को संताल हूल / विद्रोह (1855-56) के महान नायक वीर शहीद सिदो मुर्मू के गांव भोगनाडीह, जिला साहिबगंज, झारखंड में बीरमाटी को मुट्ठी में लेकर भारत के 5 प्रदेशों के सेंगेल प्रतिनिधि और अन्य "सेंगेल शपथ सभा" में शामिल हुए।  शपथ लिया कि हम निम्न 10 प्रमुख मांगों और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जी जान से लग जाएंगे, काम करेंगे और सफल बनाएंगे :-

1) भारत सरकार और अन्य सरकारें आदिवासियों के प्रकृतिपूजा धर्म - सरना धर्म कोड को अविलंब मान्यता प्रदान करें और जनगणना में शामिल करें।

आदिवासी सेंगेल अभियान ने राज्‍यपाल को 'भाषा विवाद' पर मांगपत्र सौंपा

झारखंड के गवर्नर रमेश बैस से आदिवासी सेंगेल अभियान, केंद्रीय सरना समिति और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की तरफ से 12 सदस्य प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर 7 सूत्री ज्ञापन -पत्र प्रदान किया। फिलहाल पूरे झारखंड में जो भाषा विवाद और 1932 खतियान का स्थानीय नीति पर गरमा गरम बहस जारी है ऐसी परिस्थिति में समाधानमूलक कुछ मांगों को राज्यपाल के सामने रखा गया।

झारखंड में प्राथमिक बच्चों के लिए व्यापक साक्षरता अभियान चलाने की मांग जोर पकड़ रही

झारखंड में आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश के आलोक में लगभग दो वर्षों बाद प्राथमिक वर्ग की कक्षाएं 4 फरवरी 2022 से शुरू हुई। इसमें उस वक्त राज्य के कुल 24 जिलों में से सिर्फ 17 जिलों को ही इसमें शामिल किया गया। अभी हाल में राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि शेष 7 जिलों में भी प्राथमिक कक्षाएं शुरू करने पर निर्णय शीघ्र लिया जाएगा। उन सात जिलों में कोल्हान कमिश्नरी के जिले भी शामिल हैं। अब कोल्हान कमिश्नरी मुख्यालय चाईबासा में उपयुक्त को ज्ञापन सौंपकर कुछ सामाजिक संगठनों ने इन प्राथमिक वर्ग के बच्चों को लिए व्यापक साक्षरता अभियान चलाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि रांची यूनिवर्सिटी

झारखंड भाषा विवाद में सेंगेल अभियान भी कूदा

झारखंड में चल रहा भाषा विवाद थम नहीं रहा है। अब इसमें आदिवासी सेंगेल अभियान भी कूद पड़ा है। अभियान के अध्‍यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू झारखंड पक्ष रखने के लिए दो मार्च को झारखंड के राज्‍यपाल से मिल कर पांच सूत्री मांग पत्र सौंपेंगे। साथ ही कई आंदोलनात्‍मक कार्यक्रम की भी घोषणा की गई है। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मुर्मू कहते हैं कि राज्यपाल, झारखंड द्वारा केंद्र को प्रेषित रिपोर्ट से प्रतीत होता है झारखंड और झारखंडी भयंकर उबाल पर खड़े हैं। आदिवासी सेंगेल ( सशक्तिकरण ) अभियान का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के नेतृत्व में 2 मार्च 2022 को राज्यपाल, झारखंड को मिलकर निम्

यूपी चुनाव के लिए 'भगवा ब्रिगेड' झारखंड में ऐक्टिव - सोशल मीडिया

बरही (हज़ारीबाग़, झारखण्ड): एक किशोर रूपेश पाण्डे की हादसे में हुई मौत की घटना को साम्प्रदायिक झगड़े- दंगे में बदलने की पुरज़ोर कोशिश चल रही है। माना जा रहा है कि इसके पीछे भाजपा समर्थित गुटों-संगठनों का हाथ है। इसी प्रसंग को हवा देने के लिए 'दंगा सुलगाने' वाले कपिल मिश्रा को भी लाया गया, जिसे झारखण्ड सरकार ने हवाई अड्डे से ही लौटा दिया। पत्रकार और जे पी आन्दोलन के ऐक्टिविस्‍ट अशोक वर्मा ने सोशल मीडिया ग्रुप में यह आलेख पोस्‍ट किया है। उनका सवाल है, क्या भाजपा उ० प्र० चुनाव जीतने के लिए यह सब कर रही है? पढि़ये विस्‍तार से.. 

हिजाब के बहाने नागरिक आज़ादियों को कुचलने की कोशिश

हिजाब प्रकरण देश भर में पसरता जा रहा है। यह महज एक तत्‍कालीन राजनीतिक खुराफात है या कोई सोची समझी दूर की साजिश? कुछ ऐसे ही सवाल इन दिनों फिजां में तैर रहे हैं। कई तरह के विचार-मीमांसा सामने आते जा रहे हैं। सोशल मीडिया में तो जैसे इस तरह के पोस्‍ट की बाढ़ आ गई है। झारखंड फोरम ने उनमें से कुछ चुनिंदा पोस्‍ट को अपने पाठकों तक पहुंचाने का फैसला लिया है। इसी क्रम में यहां पेश है व्‍हाट्सऐप ग्रुप 'हम देखेंगे झारखंड' द्वारा जारी यह पोस्‍ट जिसे जनवादी लेखक संघ (जलेस) के सचिव एम जेड खान ने अपने एकाउन्‍ट से जारी किया है। एक बार तो पढ़ना लाजिमी है..