रांची: पूर्व सांसद शैलेन्द्र महतो ने कहा कि झारखंड राज्य खैरात में नही मिला है,इसके लिए कितने आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहूती दी है। झारखंड अलग राज्य की कल्पना आंदोलनकारियों की सोच थी और वर्षों लड़ाई लड़ने के बाद झारखंड राज्य का गठन किया गया। राज्य गठन के 22 वर्ष होने जा रहे है परन्तु आंदोलकारियों की मांगों पर कोई ठोस निर्णय नही लिया जा सका है। आज आंदोलकारी पून: आंदोलन करने को विवश है। क्या इसी दिन के लिए लड़ाई लड़ी गई थी। आज इस मंच से सभी आंदोलकारियों को निर्णय लेना होगा कि सरकार हमारी मांगों पर गौर नही करती है तो बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे। उक्त बातें उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि बिहार कल्ब में झारखंड आंदोलकारी मोर्चा के केंद्रीय संयोजक मुमताज अहमद खान की अध्यक्षता में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर सीतारानी जैन और स्व.एनईहोरो के पुत्र रीनल होरो को शॉल ओढाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान सैकड़ो की संख्या में राज्यभर के आंदोलकारी उपस्थित थे। शैलेन्द्र महतो ने कहा कि सरकार आंदोलकारियों के हित में जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करे ताकि सभी आंदोलकारियों को उचित सम्मान मिल सके। उन्होंने कहा कि 2023 में आंदोलकारी चुप नही रहेंगे बल्कि करो या मरो की लड़ाई लड़ेंगे।
झारखंड में आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड का गठन हो: मुमताज अहमद खान
मोर्चा के केंद्रीय संयोजक मुमताज अहमद खान ने कहा कि झारखंड आंदोलकारियों ने सरकार को 26 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर आंदोलकारियों को ताम्र पत्र ,परिचय पत्र देकर सरकार रांची के मोरहाबादी में और अन्य जिलों के मुख्यालय सम्मानित करने का काम करे अन्यथा बाध्य होकर 2 फरवरी को मोर्चा बैठक बुलायेगी और उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए ।श्री खान ने कहा कि आंदोलकारियों को जबतक सरकार सम्मान नही देती है तबतक आंदोलकारी चूप नही बैठेंगे। आंदोलनकारी अपने हक की लड़ाई लड़ना बखूबी जानते है।
सम्मेलन में सर्वसम्मति से सात प्रस्ताव किया गया पारित
1. 26 जनवरी 2023 को सभी चिन्हित आंदोलनकारियों को ताम्र पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया जाए अन्यथा 2 फरवरी 2023 को उग्र आंदोलन की रणनीति बनायेगी मोर्चा।
2. सभी आंदोलकारी को एक समान एक ही कैटेगरी में रखकर बराबरी का दर्जा दिया जाए व चिन्हितकरण कार्य में तेजी लाई जाए।
3. सभी आंदोलकारियों को झारखंड सेनानी का दर्जा देते हुए विशिष्ट अतिथि की सूची में शामिल किया जाए एवं राजकीय कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाय।
4. आंदोलनकारी के आश्रितों को तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदो पर पांच प्रतिशत का क्षीतीज आरक्षण देते हुए सभी नियुक्तियों में अविलंब बहाल किया जाए।
5. सभी शहीद आंदोलकारियों को शहीद का दर्जा दिया जाए विशेषकर शहीद निर्मल महतो,सुनील महतो,सुदर्शन भगत,मनीन्द्र मंडल,अशरफ खान,शक्ति महतो एवं अन्य।
6. आंदोलनकारियों को आयोग,बोर्ड आदि में सदस्य बनाया जाय।
7. सभी आंदोलनकारियों को आयुष्मान कार्ड, लाल कार्ड उपलब्ध कराया जाए एवं उनके आश्रितों को गुरुजी के्रडिट कार्ड ,मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना एवं अन्य योजनाओं से जोड़ा जाए।
इस मौके पर संयोजक बिमल कच्छप,रफीक आलम,सुशीला एक्का,पत्रकार अनूज,प्रमोद झा,किसलय,शफीक अंसारी साथ ही आंदोलनकारी सुनील फकीर ,चन्द्रदेव पटेल,सीतारानी जैन ,प्रवीण प्रभाकर ,मानकी जगरनाथ सिंह मुंडा,नवीन चंचल ,उदय सिंह,असलम ,जमील अख्तर ,आदिल जहीर समेत राज्यभर से आये सैकड़ो आंदोलकारी मौजूद थे
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