बरही (हज़ारीबाग़, झारखण्ड): एक किशोर रूपेश पाण्डे की हादसे में हुई मौत की घटना को साम्प्रदायिक झगड़े- दंगे में बदलने की पुरज़ोर कोशिश चल रही है। माना जा रहा है कि इसके पीछे भाजपा समर्थित गुटों-संगठनों का हाथ है। इसी प्रसंग को हवा देने के लिए 'दंगा सुलगाने' वाले कपिल मिश्रा को भी लाया गया, जिसे झारखण्ड सरकार ने हवाई अड्डे से ही लौटा दिया। पत्रकार और जे पी आन्दोलन के ऐक्टिविस्ट अशोक वर्मा ने सोशल मीडिया ग्रुप में यह आलेख पोस्ट किया है। उनका सवाल है, क्या भाजपा उ० प्र० चुनाव जीतने के लिए यह सब कर रही है? पढि़ये विस्तार से..
निरीह किशोर रूपेश पांडेय की आकस्मिक दुर्घटना में हुई मौत को भगवा गिरोह ने जम कर भुनाया है। भगवा गिरोह को आज एक और मौका मिल गया। बरही में हनुमान प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के मामले में पुलिस ने एक अर्धविक्षिप्त मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया है। दुर्भाग्य से यह युवक बरही के पुराने समाजवादी नेता मरहूम अल्लाउद्दीन जी का पोता है। अल्लादीन जी जेपी आंदोलन और बाद में आपातकाल में भी मेरे साथ हजारीबाग जेल में थे। पता चला कि उनका पुत्र भी अर्धविक्षिप्त है और पोता भी। बहरहाल यह खबर भी जम कर वायरल हो गई है और पूरे इलाके में तनाव व्याप्त है। इस मसले पर हजारीबाग एसपी ने आज तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।
बरही में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। मैं स्थानीय पत्रकार साथी जावेद के साथ घटनास्थल जाने वाला था परंतु आज भी लगातार तीसरी बार बरही के डीएसपी तथा थाना प्रभारी ने नये सिरे से उत्पन्न तनाव की दुहाई देते हुए हमसे नहीं जाने की गुजारिश की। परिस्थितियों को देखते हुए हमने प्रभावित गांवों का दौरा रद्द करना ही उचित समझा। मैं रांची लौट रहा हूं। अगले सप्ताह फिर बरही जाऊंगा। मुझे इतनी ही संतुष्टि है कि बरही से सटे कोडरमा जिले में स्थानीय साथियों के सक्रिय सहयोग से हम तनावपूर्ण स्थिति को सामान्य बनाने में कामयाब रहे अन्यथा बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की साजिश रची गई थी।
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