झारखण्ड के आदिवासियों का समाजवादी जीवन-दर्शन
सोवियत महल के विघटन के साथ ही समाजवाद का पतन शुरू हो गया और अब दुनिया के अधिकांश देशों से करीब-करीब विदा हो चुका है। संसदीय लोकतंत्र के आवरण में पूंजीवाद समस्त जगत में अपना पैंठ जमा चुका है। तथाकथित रूस और चीन जैसे साम्यवादी देशों से भी समाजवादी मूल्य गायब हो चुके हैं। मौजूदा समय में इन देशों में राज्य प्रायोजित पूंजीवादी व्यवस्था विद्यमान है। साम्यवाद के मुखौटे में ये दोनों देश भी पूंजीवादी ही हैं; मूल्य, विचार, दर्शन, उत्पादन-वितरण की प्रणाली का दूर-दूर तक समाजवाद-साम्यवाद से कोर्इ सरोकार नहीं है।
- Read more about झारखण्ड के आदिवासियों का समाजवादी जीवन-दर्शन
- Log in to post comments